अच्छैद्यत्व: Difference between revisions
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<p> कर्मों के नाश से जीव के प्रदेशों का घनाकार परिणमन । इसकी प्राप्ति के लिए ‘‘अच्छेद्याय नम:’’ इस पीठिका-मंत्र का जप किया जाता है । महापुराण 40. 15, 42.102</p> | <p> कर्मों के नाश से जीव के प्रदेशों का घनाकार परिणमन । इसकी प्राप्ति के लिए ‘‘अच्छेद्याय नम:’’ इस पीठिका-मंत्र का जप किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 40. 15, 42.102 </span></p> | ||
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Revision as of 21:37, 5 July 2020
कर्मों के नाश से जीव के प्रदेशों का घनाकार परिणमन । इसकी प्राप्ति के लिए ‘‘अच्छेद्याय नम:’’ इस पीठिका-मंत्र का जप किया जाता है । महापुराण 40. 15, 42.102