अनंत चतुष्टय: Difference between revisions
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Revision as of 21:37, 5 July 2020
घातिया कर्मों के क्षय से उत्पन्न अनन्तदर्शन, अनन्तज्ञान, अनन्तसुख और अनन्तवीर्य नाम के चार गुण । ये अर्हन्त और सिद्ध परमेष्ठियों को प्राप्त होते हैं । महापुराण 21.114,121-123