पांडित्य: Difference between revisions
From जैनकोष
m (Vikasnd moved page पाण्डित्य to पाण्डित्य without leaving a redirect: RemoveZWNJChar) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> संसारोद्धारक ज्ञान । यह मानवों को दुराचरण, दुरभिमान तथा पाप की कारणभूत क्रियाओं से दूर रखता है । महापुराण 8.86, वीरवर्द्धमान चरित्र 8.47</p> | <p> संसारोद्धारक ज्ञान । यह मानवों को दुराचरण, दुरभिमान तथा पाप की कारणभूत क्रियाओं से दूर रखता है । <span class="GRef"> महापुराण 8.86, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 8.47 </span></p> | ||
Line 5: | Line 5: | ||
[[ पाण्डवपुराण | पूर्व पृष्ठ ]] | [[ पाण्डवपुराण | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ पाण्डु | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] |
Revision as of 21:43, 5 July 2020
संसारोद्धारक ज्ञान । यह मानवों को दुराचरण, दुरभिमान तथा पाप की कारणभूत क्रियाओं से दूर रखता है । महापुराण 8.86, वीरवर्द्धमान चरित्र 8.47