पांडित्य
From जैनकोष
संसारोद्धारक ज्ञान । यह मानवों को दुराचरण, दुरभिमान तथा पाप की कारणभूत क्रियाओं से दूर रखता है । महापुराण 8.86, वीरवर्द्धमान चरित्र 8.47
संसारोद्धारक ज्ञान । यह मानवों को दुराचरण, दुरभिमान तथा पाप की कारणभूत क्रियाओं से दूर रखता है । महापुराण 8.86, वीरवर्द्धमान चरित्र 8.47