विनयमिथ्यात्व: Difference between revisions
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<p> | <p> मिथ्यात्व के अज्ञान, संशय, एकान्त, विपरीत और विनय इन पांच भेदों में पाँचवाँ भेद । मन, वचन और काय से सभी देवों को नमन करना, सभी पदार्थो को मोक्ष का उपाय मानना विनय मिथ्यात्व कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 62.297, 302 </span></p> | ||
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मिथ्यात्व के अज्ञान, संशय, एकान्त, विपरीत और विनय इन पांच भेदों में पाँचवाँ भेद । मन, वचन और काय से सभी देवों को नमन करना, सभी पदार्थो को मोक्ष का उपाय मानना विनय मिथ्यात्व कहलाता है । महापुराण 62.297, 302