कौंडिन्य: Difference between revisions
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Revision as of 21:39, 5 July 2020
इन्द्र की प्रेरणा से महावीर के समवसरण मे आगत एक विद्वान् । इसके पाँच सौ शिष्य थे । समवसरण में आकर वस्त्र आदि त्याग कर अपने शिष्यों के साथ यह संयमी हो गया था । हरिवंशपुराण 2. 68-69