आर्जव: Difference between revisions
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<p> धर्मध्यान की दस भावनाओं में तीसरी भावना । इसमें मायाचार को जीता जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 36.157-158, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 14.39, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 23.65, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 6.7 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> धर्मध्यान की दस भावनाओं में तीसरी भावना । इसमें मायाचार को जीता जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 36.157-158, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 14.39, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 23.65, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 6.7 </span></p> | ||
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Revision as of 16:52, 14 November 2020
धर्मध्यान की दस भावनाओं में तीसरी भावना । इसमें मायाचार को जीता जाता है । महापुराण 36.157-158, पद्मपुराण 14.39, पांडवपुराण 23.65, वीरवर्द्धमान चरित्र 6.7