आर्जव
From जैनकोष
धर्मध्यान की दस भावनाओं में तीसरी भावना । इसमें मायाचार को जीता जाता है । महापुराण 36.157-158, पद्मपुराण - 14.39, पांडवपुराण 23.65, वीरवर्द्धमान चरित्र 6.7
धर्मध्यान की दस भावनाओं में तीसरी भावना । इसमें मायाचार को जीता जाता है । महापुराण 36.157-158, पद्मपुराण - 14.39, पांडवपुराण 23.65, वीरवर्द्धमान चरित्र 6.7