गर्भकल्याणक: Difference between revisions
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<p> तीर्थंकर के माता के गर्भ में आने पर | <p> तीर्थंकर के माता के गर्भ में आने पर इंद्र द्वारा मनाया जाने वाला एक उत्सव । इसमें इंद्र आकर तीर्थंकर के माता-पिता को भक्तिपूर्वक सिंहासन पर बैठाकर सोत्साह उनका अभिषेक करते हैं, पूजते हैं और तीर्थंकरों का स्मरण कर तीन प्रदक्षिणा देते हैं । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 7. 120-122 </span></p> | ||
Revision as of 16:22, 19 August 2020
तीर्थंकर के माता के गर्भ में आने पर इंद्र द्वारा मनाया जाने वाला एक उत्सव । इसमें इंद्र आकर तीर्थंकर के माता-पिता को भक्तिपूर्वक सिंहासन पर बैठाकर सोत्साह उनका अभिषेक करते हैं, पूजते हैं और तीर्थंकरों का स्मरण कर तीन प्रदक्षिणा देते हैं । वीरवर्द्धमान चरित्र 7. 120-122