गर्भवास
From जैनकोष
शिशु का जननी के उदर में वास करना । यहाँ अनेक कष्ट होने पर भी यह मोहावृत जीव इस वास से भयभीत नहीं होता । महापुराण 42. 90-91, पद्मपुराण - 39.115-116
शिशु का जननी के उदर में वास करना । यहाँ अनेक कष्ट होने पर भी यह मोहावृत जीव इस वास से भयभीत नहीं होता । महापुराण 42. 90-91, पद्मपुराण - 39.115-116