जगती: Difference between revisions
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<p> | <p> जंबूद्वीप को चारों ओर से घिरे हुए वज्रमय भित्ति । यह इस द्वीप का अंतिम अवयव है । यह मूल में बारह योजन, मध्य में आठ योजन, और अग्र भाग में चार योजन चौड़ी है । इसकी ऊंचाई आठ योजन तथा आधा योजन गहरी है । इसका मूलभाग वज्रमय, मध्यभाग विविध रत्नमय और अग्रभाग वैडूर्य मणिमय है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5. 377-379 </span></p> | ||
Revision as of 16:22, 19 August 2020
जंबूद्वीप को चारों ओर से घिरे हुए वज्रमय भित्ति । यह इस द्वीप का अंतिम अवयव है । यह मूल में बारह योजन, मध्य में आठ योजन, और अग्र भाग में चार योजन चौड़ी है । इसकी ऊंचाई आठ योजन तथा आधा योजन गहरी है । इसका मूलभाग वज्रमय, मध्यभाग विविध रत्नमय और अग्रभाग वैडूर्य मणिमय है । हरिवंशपुराण 5. 377-379