पृथुधी: Difference between revisions
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<p> पुष्कलावती देश की | <p> पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी के राजा वसुपाल का साला । यह उत्पलमाला गणिका का प्रेमी था । इसने उत्पलमाला के आभूषण अपनी बहिन सत्यवती को दे दिये थे तथा माँगने पर यह मुकर गया था । राजा ने सत्यवती से पूछा तो उसने सारे आभूषण राजा के सामने रख दिये । इस पर राजा ने क्रुद्ध होकर उसे मारने की आज्ञा दे दी थी किंतु नगर के कुबेरप्रिय सेठ ने दयार्द्र होकर उसे बचाया । इसने अपने अपमान का कारण सेठ को ही समझा इसलिए इसने किसी विद्याधर से इच्छानुसार रूप बनाने वाली अंग की प्राप्त की और उसके प्रभाव से छलपूर्वक अपने रक्षक सेठ को भी मारने का प्रयास किया था किंतु सफल नहीं हो सका । <span class="GRef"> महापुराण 46.289, 304-325 </span></p> | ||
Revision as of 16:28, 19 August 2020
पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी के राजा वसुपाल का साला । यह उत्पलमाला गणिका का प्रेमी था । इसने उत्पलमाला के आभूषण अपनी बहिन सत्यवती को दे दिये थे तथा माँगने पर यह मुकर गया था । राजा ने सत्यवती से पूछा तो उसने सारे आभूषण राजा के सामने रख दिये । इस पर राजा ने क्रुद्ध होकर उसे मारने की आज्ञा दे दी थी किंतु नगर के कुबेरप्रिय सेठ ने दयार्द्र होकर उसे बचाया । इसने अपने अपमान का कारण सेठ को ही समझा इसलिए इसने किसी विद्याधर से इच्छानुसार रूप बनाने वाली अंग की प्राप्त की और उसके प्रभाव से छलपूर्वक अपने रक्षक सेठ को भी मारने का प्रयास किया था किंतु सफल नहीं हो सका । महापुराण 46.289, 304-325