प्रतिभग्न: Difference between revisions
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<p> | <p> कषायपाहुड़ 3/3,22/409/231/9 <span class="PrakritText"> उक्कस्सट्ठिदि बंधंतो पडिहग्गहपढमादिसमएसु सम्मत्तं ण गेण्हदि त्ति जाणावणट्ठमंतोमुहुत्तद्धं पडिभग्गो त्ति भणिदं ।</span> = <span class="HindiText">प्रतिभग्न शब्द का अर्थ उत्कृष्ट स्थिति बंध के योग्य उत्कृष्ट संक्लेशरूप परिणामों से प्रतिनिवृत्त होकर विशुद्धि को प्राप्त हुआ होता है ।</span></p> | ||
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Revision as of 19:12, 17 July 2020
कषायपाहुड़ 3/3,22/409/231/9 उक्कस्सट्ठिदि बंधंतो पडिहग्गहपढमादिसमएसु सम्मत्तं ण गेण्हदि त्ति जाणावणट्ठमंतोमुहुत्तद्धं पडिभग्गो त्ति भणिदं । = प्रतिभग्न शब्द का अर्थ उत्कृष्ट स्थिति बंध के योग्य उत्कृष्ट संक्लेशरूप परिणामों से प्रतिनिवृत्त होकर विशुद्धि को प्राप्त हुआ होता है ।