प्रतिबोधिनी
From जैनकोष
एक विद्या । यह निद्रा-भंग करती है । सुग्रीव ने योद्धाओं को नींद से शिथिल होते देखकर इसी विद्या से उनकी निद्रा दूर की थी । पद्मपुराण - 60.60-62
एक विद्या । यह निद्रा-भंग करती है । सुग्रीव ने योद्धाओं को नींद से शिथिल होते देखकर इसी विद्या से उनकी निद्रा दूर की थी । पद्मपुराण - 60.60-62