रत्नसंचय: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी का तेरहवाँ नगर । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 22.94 </span></p> | <p id="1"> (1) विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी का तेरहवाँ नगर । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 22.94 </span></p> | ||
<p id="2">(2) पश्चिम विदेहक्षेत्र का एक नगर । चक्रवर्ती सगर पूर्वभव में यहाँ राजा महाघोष का पयोबल नामक राजकुमार था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.137, 13.62 </span></p> | <p id="2">(2) पश्चिम विदेहक्षेत्र का एक नगर । चक्रवर्ती सगर पूर्वभव में यहाँ राजा महाघोष का पयोबल नामक राजकुमार था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.137, 13.62 </span></p> | ||
<p id="3">(3) पुष्करार्द्धद्वीप के पूर्व मेरु | <p id="3">(3) पुष्करार्द्धद्वीप के पूर्व मेरु संबंधी पूर्व विदेहक्षेत्र में मंगलावती देश का एक नगर । बलभद्र श्रीवर्मा और नारायण विभीषण इसी नगर मे राजा श्रीधर के घर जन्मे थे । <span class="GRef"> महापुराण 7.13-15, 10. 114-115 </span></p> | ||
<p id="4">(4) | <p id="4">(4) जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में मंगलावती देश का एक नगर । महाबल यहाँ का राजा था । <span class="GRef"> महापुराण 50. 2-3, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 5. 11 </span>देखें [[ महाबल ]]</p> | ||
<p id="5">(5) पूर्व | <p id="5">(5) पूर्व घातकीखंड द्वीप के मंगलावती देश का एक नगर । कनकप्रभ यहाँ का राजा था । <span class="GRef"> महापुराण 54.129-130, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 57 </span>देखें [[ कनकप्रभ ]]</p> | ||
Revision as of 16:33, 19 August 2020
== सिद्धांतकोष से == विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर−देखें विद्याधर ।
पुराणकोष से
(1) विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी का तेरहवाँ नगर । हरिवंशपुराण 22.94
(2) पश्चिम विदेहक्षेत्र का एक नगर । चक्रवर्ती सगर पूर्वभव में यहाँ राजा महाघोष का पयोबल नामक राजकुमार था । पद्मपुराण 5.137, 13.62
(3) पुष्करार्द्धद्वीप के पूर्व मेरु संबंधी पूर्व विदेहक्षेत्र में मंगलावती देश का एक नगर । बलभद्र श्रीवर्मा और नारायण विभीषण इसी नगर मे राजा श्रीधर के घर जन्मे थे । महापुराण 7.13-15, 10. 114-115
(4) जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में मंगलावती देश का एक नगर । महाबल यहाँ का राजा था । महापुराण 50. 2-3, पांडवपुराण 5. 11 देखें महाबल
(5) पूर्व घातकीखंड द्वीप के मंगलावती देश का एक नगर । कनकप्रभ यहाँ का राजा था । महापुराण 54.129-130, हरिवंशपुराण 60. 57 देखें कनकप्रभ