सुखावह: Difference between revisions
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अपर विदेहस्थ एक वक्षार, उसका एक कूट तथा उस कूट का स्वामी देव-देखें [[ लोक#5.3 | लोक - 5.3]]। | अपर विदेहस्थ एक वक्षार, उसका एक कूट तथा उस कूट का स्वामी देव-देखें [[ लोक#5.3 | लोक - 5.3]]। | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> पश्चिम विदेहक्षेत्र का चौथा वक्षार पर्वत । यह सीतोदा नदी तथा निषध पर्वत का स्पर्श करना है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.230-231 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> पश्चिम विदेहक्षेत्र का चौथा वक्षार पर्वत । यह सीतोदा नदी तथा निषध पर्वत का स्पर्श करना है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.230-231 </span></p> | ||
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Revision as of 16:59, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
अपर विदेहस्थ एक वक्षार, उसका एक कूट तथा उस कूट का स्वामी देव-देखें लोक - 5.3।
पुराणकोष से
पश्चिम विदेहक्षेत्र का चौथा वक्षार पर्वत । यह सीतोदा नदी तथा निषध पर्वत का स्पर्श करना है । हरिवंशपुराण 5.230-231