सुवर्णयक्ष: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> एक यक्ष । इसने सत्मक मुनि को शस्त्र से मारने के लिए उद्यत देखकर अग्निभूति और वायुभूति दोनों ब्राह्मणों को कील दिया था । माता-पिता के निवेदन पर और जैनधर्म स्वीकार कर लेने पर इसने उन्हें मुक्त कर दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 72. 3-4, 15-22 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> एक यक्ष । इसने सत्मक मुनि को शस्त्र से मारने के लिए उद्यत देखकर अग्निभूति और वायुभूति दोनों ब्राह्मणों को कील दिया था । माता-पिता के निवेदन पर और जैनधर्म स्वीकार कर लेने पर इसने उन्हें मुक्त कर दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 72. 3-4, 15-22 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:59, 14 November 2020
एक यक्ष । इसने सत्मक मुनि को शस्त्र से मारने के लिए उद्यत देखकर अग्निभूति और वायुभूति दोनों ब्राह्मणों को कील दिया था । माता-पिता के निवेदन पर और जैनधर्म स्वीकार कर लेने पर इसने उन्हें मुक्त कर दिया था । महापुराण 72. 3-4, 15-22