सुवर्णयक्ष
From जैनकोष
एक यक्ष । इसने सत्मक मुनि को शस्त्र से मारने के लिए उद्यत देखकर अग्निभूति और वायुभूति दोनों ब्राह्मणों को कील दिया था । माता-पिता के निवेदन पर और जैनधर्म स्वीकार कर लेने पर इसने उन्हें मुक्त कर दिया था । महापुराण 72. 3-4, 15-22