संभिन्नश्रोतृबुद्धि: Difference between revisions
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<p> एक ऋद्धि । इससे नौ योजन चौड़े और बारह योजन | <p> एक ऋद्धि । इससे नौ योजन चौड़े और बारह योजन लंबे क्षेत्र में फैले मनुष्य और तिर्यंचों के अक्षरात्मक और अनक्षरात्मक मिले शब्द भी एक साथ सुने जा सकते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 2.67, 11. 80 </span></p> | ||
Revision as of 16:40, 19 August 2020
एक ऋद्धि । इससे नौ योजन चौड़े और बारह योजन लंबे क्षेत्र में फैले मनुष्य और तिर्यंचों के अक्षरात्मक और अनक्षरात्मक मिले शब्द भी एक साथ सुने जा सकते हैं । महापुराण 2.67, 11. 80