गुप्तिगुप्त: Difference between revisions
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Revision as of 22:40, 22 July 2020
श्रुतावतार में कथित अर्हद्वली का अपर नाम जिनका स्मरण नन्दिसंघ बलात्कार गण की गुर्वावली में आ. भद्रबाहु द्वि. के पश्चात् और माघनन्दि से पूर्व किया गया है। वास्तव में नन्दि संघ के साथ इनका कोई सम्बन्ध नहीं है। विशेष देखें कोश खण्ड - 1 परिशिष्ट/2/7। समय–वी.नि. 565-575 (ई.38-48) (देखें इतिहास - 7.2)। समय–शक सं 26-36 (ई.104-114)–देखें इतिहास - 5.13।