गुप्तिगुप्त
From जैनकोष
श्रुतावतार में कथित अर्हद्वली का अपर नाम जिनका स्मरण नंदिसंघ बलात्कार गण की गुर्वावली में आ. भद्रबाहु द्वि. के पश्चात् और माघनंदि से पूर्व किया गया है। वास्तव में नंदि संघ के साथ इनका कोई संबंध नहीं है। विशेष देखें कोश खंड - 1 परिशिष्ट/2/7। समय–वी.नि. 565-575 (ई.38-48) (देखें इतिहास - 7.2)।
समय–शक सं 26-36 (ई.104-114)–देखें इतिहास - 5.13।