आत्मरक्षा: Difference between revisions
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Revision as of 16:19, 19 August 2020
आत्मा को कर्म बंधन से मुक्त कराने वाले संयम का आचरण । ‘राजा को स्वरूप के विषय में भी चिंतन, मनन और आचरण करना चाहिये’ इस प्रसंग को लेकर हुई एक परिचर्या । महापुराण 42.49, 136