कौंडिन्य: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
(No difference)
|
Revision as of 16:21, 19 August 2020
इंद्र की प्रेरणा से महावीर के समवसरण मे आगत एक विद्वान् । इसके पाँच सौ शिष्य थे । समवसरण में आकर वस्त्र आदि त्याग कर अपने शिष्यों के साथ यह संयमी हो गया था । हरिवंशपुराण 2. 68-69