घाट-: Difference between revisions
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Revision as of 16:22, 19 August 2020
वंशा नामक दूसरी पृथ्वी के ग्यारह इंद्रक बिलों में एक इंद्रक बिल । इस बिल की चारों दिशाओं में एक सौ अट्ठाईस और विदिशाओं में एक सौ चौबीस कुल दो सौ बावन श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण 4.78-79, 109