दिगंबर: Difference between revisions
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<p> निर्ग्रंथ मुनि । ये उद्दिष्ट आहार के त्यागी, तृष्णारहित, जितेंद्रिय, शरीर की स्थिति मात्र के लिए मौन पूर्वक आहारग्राही, धर्माचरणी, देह से निस्पृही और प्राणियो पर दया करने वाले होते हैं । <span class="GRef"> पद्मपुराण 4.91-100 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> निर्ग्रंथ मुनि । ये उद्दिष्ट आहार के त्यागी, तृष्णारहित, जितेंद्रिय, शरीर की स्थिति मात्र के लिए मौन पूर्वक आहारग्राही, धर्माचरणी, देह से निस्पृही और प्राणियो पर दया करने वाले होते हैं । <span class="GRef"> पद्मपुराण 4.91-100 </span></p> | ||
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Revision as of 16:54, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
- अचेल मुद्रा का उपासक जिन प्रणीतमार्ग।
- मूल दि.साधु संघ (देखें इतिहास - 5,1)
- श्वेतांबर मान्य नवीन उत्पत्ति–देखें श्वेतांबर ।
पुराणकोष से
निर्ग्रंथ मुनि । ये उद्दिष्ट आहार के त्यागी, तृष्णारहित, जितेंद्रिय, शरीर की स्थिति मात्र के लिए मौन पूर्वक आहारग्राही, धर्माचरणी, देह से निस्पृही और प्राणियो पर दया करने वाले होते हैं । पद्मपुराण 4.91-100