अवदान: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p | <p> धवला पुस्तक 13/5,5,37/242/3 अवदीयते खण्ड्यते परिच्छिद्यते अन्येभ्यः अर्थः अनेनेति अवदानम्।</p> | ||
<p | <p>= जिसके द्वारा `अवदीयते खण्डयते' अर्थात् अन्य पदार्थोंसे अलग करके विवक्षित अर्थ जाना जाता है, वह अवग्रहका अन्य नाम अवदान है।</p> | ||
[[ | |||
[[Category: | |||
<noinclude> | |||
[[ अवतारक | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ अवद्य | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: अ]] |
Revision as of 16:56, 10 June 2020
धवला पुस्तक 13/5,5,37/242/3 अवदीयते खण्ड्यते परिच्छिद्यते अन्येभ्यः अर्थः अनेनेति अवदानम्।
= जिसके द्वारा `अवदीयते खण्डयते' अर्थात् अन्य पदार्थोंसे अलग करके विवक्षित अर्थ जाना जाता है, वह अवग्रहका अन्य नाम अवदान है।