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<p> वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित देश । तीर्थंकर वृषभदेव नेमिनाथ और महावीर ने यहाँ विहार किया था । भरतेश ने इस देश को अपने अधीन किया । इसका अपरनाम पांचाल था । <span class="GRef"> महापुराण 16.148, 153, 25.287 </span>। 29.40, 37.16, <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3.3, 4.54 59.110 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित देश । तीर्थंकर वृषभदेव नेमिनाथ और महावीर ने यहाँ विहार किया था । भरतेश ने इस देश को अपने अधीन किया । इसका अपरनाम पांचाल था । <span class="GRef"> महापुराण 16.148, 153, 25.287 </span>। 29.40, 37.16, <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3.3, 4.54 59.110 </span></p> | ||
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Revision as of 16:55, 14 November 2020
वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित देश । तीर्थंकर वृषभदेव नेमिनाथ और महावीर ने यहाँ विहार किया था । भरतेश ने इस देश को अपने अधीन किया । इसका अपरनाम पांचाल था । महापुराण 16.148, 153, 25.287 । 29.40, 37.16, हरिवंशपुराण 3.3, 4.54 59.110