मनोवेगा: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में सुवर्णाभ नगर के स्वामी मनोवेग की रानी । पति द्वारा चंदना का अपहरण किये जाने पर इसने पति को भयभीत कर उससे चंदना को छुड़ाया था । <span class="GRef"> महापुराण 75.36-44 </span>देखें [[ मनोवेग ]]</p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में सुवर्णाभ नगर के स्वामी मनोवेग की रानी । पति द्वारा चंदना का अपहरण किये जाने पर इसने पति को भयभीत कर उससे चंदना को छुड़ाया था । <span class="GRef"> महापुराण 75.36-44 </span>देखें [[ मनोवेग ]]</p> | ||
<p id="2">(2) अर्ककीर्ति के पुत्र अमिततेज को प्राप्त एक विद्या । <span class="GRef"> महापुराण 62.397 </span></p> | <p id="2">(2) अर्ककीर्ति के पुत्र अमिततेज को प्राप्त एक विद्या । <span class="GRef"> महापुराण 62.397 </span></p> | ||
<p id="3">(3) राजा बुध की रानी और अशोकलता की जननी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 8.104 </span></p> | <p id="3">(3) राजा बुध की रानी और अशोकलता की जननी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 8.104 </span></p> | ||
<p id="4">(4) रावण की एक रानी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 77.15 </span></p> | <p id="4">(4) रावण की एक रानी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 77.15 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
भगवान् चंद्रप्रभु की शासक यक्षिणी–देखें तीर्थंकर - 5.3।
पुराणकोष से
(1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में सुवर्णाभ नगर के स्वामी मनोवेग की रानी । पति द्वारा चंदना का अपहरण किये जाने पर इसने पति को भयभीत कर उससे चंदना को छुड़ाया था । महापुराण 75.36-44 देखें मनोवेग
(2) अर्ककीर्ति के पुत्र अमिततेज को प्राप्त एक विद्या । महापुराण 62.397
(3) राजा बुध की रानी और अशोकलता की जननी । पद्मपुराण 8.104
(4) रावण की एक रानी । पद्मपुराण 77.15