महालक्ष्मी: Difference between revisions
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<p> भरतक्षेत्र के कांपिल्यनगर के राजा मृगपतिध्वज की दूसरी रानी । यह पटरानी वप्रा को सौत थी । वप्रा जैन थी और यह अजैन । दोनों में वैर था । वप्रा ने एक बार नगर में जिनेंद्र का रथ निकलवाना चाहा था किंतु इसने जैन-रथ निकलवाने के पूर्व ब्रह्मरथ निकलवाने का आग्रह कर वप्रा का विरोध किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 8.281-286 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> भरतक्षेत्र के कांपिल्यनगर के राजा मृगपतिध्वज की दूसरी रानी । यह पटरानी वप्रा को सौत थी । वप्रा जैन थी और यह अजैन । दोनों में वैर था । वप्रा ने एक बार नगर में जिनेंद्र का रथ निकलवाना चाहा था किंतु इसने जैन-रथ निकलवाने के पूर्व ब्रह्मरथ निकलवाने का आग्रह कर वप्रा का विरोध किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 8.281-286 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
भरतक्षेत्र के कांपिल्यनगर के राजा मृगपतिध्वज की दूसरी रानी । यह पटरानी वप्रा को सौत थी । वप्रा जैन थी और यह अजैन । दोनों में वैर था । वप्रा ने एक बार नगर में जिनेंद्र का रथ निकलवाना चाहा था किंतु इसने जैन-रथ निकलवाने के पूर्व ब्रह्मरथ निकलवाने का आग्रह कर वप्रा का विरोध किया था । पद्मपुराण 8.281-286