महालक्ष्मी
From जैनकोष
भरतक्षेत्र के कांपिल्यनगर के राजा मृगपतिध्वज की दूसरी रानी । यह पटरानी वप्रा को सौत थी । वप्रा जैन थी और यह अजैन । दोनों में वैर था । वप्रा ने एक बार नगर में जिनेंद्र का रथ निकलवाना चाहा था किंतु इसने जैन-रथ निकलवाने के पूर्व ब्रह्मरथ निकलवाने का आग्रह कर वप्रा का विरोध किया था । पद्मपुराण - 8.281-286