मोक्षमार्ग प्रकाशक: Difference between revisions
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पं. टोडरमल (ई. 1796) द्वारा रचित हिंदी भाषा का अनुपम आध्यात्मिक ग्रंथ है। यह ग्रंथ अधूरा ही रह गया, क्योंकि विद्वेषियों की चुगली के कारण पंडितजी को असमय में ही अपना शरीर | <span class="HindiText">पं. टोडरमल (ई. 1796) द्वारा रचित हिंदी भाषा का अनुपम आध्यात्मिक ग्रंथ है। यह ग्रंथ अधूरा ही रह गया, क्योंकि विद्वेषियों की चुगली के कारण पंडितजी को असमय में ही अपना शरीर छोड़ना पड़ा। (ती./4/286)।</span> | ||
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पं. टोडरमल (ई. 1796) द्वारा रचित हिंदी भाषा का अनुपम आध्यात्मिक ग्रंथ है। यह ग्रंथ अधूरा ही रह गया, क्योंकि विद्वेषियों की चुगली के कारण पंडितजी को असमय में ही अपना शरीर छोड़ना पड़ा। (ती./4/286)।