रत्नवीर्य: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1">(1) साकेत का एक राजा । अंधकवृष्णि तीसरे पूर्वभव में इसी राजा की नगरी अयोध्या में रुद्रदत्त नामक ब्राह्मण था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 18.97-110 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1">(1) साकेत का एक राजा । अंधकवृष्णि तीसरे पूर्वभव में इसी राजा की नगरी अयोध्या में रुद्रदत्त नामक ब्राह्मण था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 18.97-110 </span></p> | ||
<p id="2">(2) मथुरा का राजा । इसकी दो रानियाँ थीं― मेघमाला और अमितप्रभा । मेघमाला के पुत्र का नाम मेरु और अमितप्रभा के पुत्र का नाम मंदर था । ये दोनों पुत्र दीक्षित हुए । इनमें मेरु केवली होकर मोक्ष गया और मंदर तीर्थंकर श्रेयांस का गणधर हुआ । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.135-138 </span></p> | <p id="2">(2) मथुरा का राजा । इसकी दो रानियाँ थीं― मेघमाला और अमितप्रभा । मेघमाला के पुत्र का नाम मेरु और अमितप्रभा के पुत्र का नाम मंदर था । ये दोनों पुत्र दीक्षित हुए । इनमें मेरु केवली होकर मोक्ष गया और मंदर तीर्थंकर श्रेयांस का गणधर हुआ । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.135-138 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:57, 14 November 2020
(1) साकेत का एक राजा । अंधकवृष्णि तीसरे पूर्वभव में इसी राजा की नगरी अयोध्या में रुद्रदत्त नामक ब्राह्मण था । हरिवंशपुराण 18.97-110
(2) मथुरा का राजा । इसकी दो रानियाँ थीं― मेघमाला और अमितप्रभा । मेघमाला के पुत्र का नाम मेरु और अमितप्रभा के पुत्र का नाम मंदर था । ये दोनों पुत्र दीक्षित हुए । इनमें मेरु केवली होकर मोक्ष गया और मंदर तीर्थंकर श्रेयांस का गणधर हुआ । हरिवंशपुराण 27.135-138