सदवस्था रूप उपशम: Difference between revisions
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<p class="HindiText">= अनुदय प्राप्त सर्वघाती स्पर्धकों की '''सत्ता रूप अवस्था को उपशम''' कहते हैं, क्योंकि इस अवस्था में उसकी अपनी शक्ति प्रगट नहीं हो सकती।</p> | |||
<p class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ उपशम#1.2 | उपशम - 1.2]]।</p> | |||
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Latest revision as of 15:49, 19 February 2024
राजवार्तिक अध्याय 2/5/3/107/1
तस्यैव सर्वघातिस्पर्धकस्यानुदयप्राप्तस्य सदवस्था उपशम इत्युच्यते अनुद्भूतस्ववीर्यवृत्तित्वात्।
= अनुदय प्राप्त सर्वघाती स्पर्धकों की सत्ता रूप अवस्था को उपशम कहते हैं, क्योंकि इस अवस्था में उसकी अपनी शक्ति प्रगट नहीं हो सकती।
अधिक जानकारी के लिये देखें उपशम - 1.2।