गरव नहिं कीजै रे, ऐ नर: Difference between revisions
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Latest revision as of 01:14, 17 February 2008
(राग ख्याल)
गरव नहिं कीजै रे, ऐ नर निपट गंवार ।।टेक ।।
झूठी काया झूठी माया, छाया ज्यों लखि लीजै रे ।।१ ।।गरव. ।।
कै छिन सांझ सुहागरु जोबन, कै दिन जगमें जीजै रे ।।२ ।।गरव. ।।
बेगा चेत विलम्ब तजो नर, बंध बढ़ै थिति छीजै रे ।।३ ।।गरव. ।।
`भूधर' पलपल हो है भारी, ज्यों ज्यों कमरी भीजै रे ।।३ ।।गरव. ।।