संप्रदान शक्ति: Difference between revisions
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<span class="SanskritText"> समयसार / आत्मख्याति/ परि./शक्ति 44 स्वयं दीयमानभावोपेयत्वमयी संप्रदान शक्ति:।</span> = <span class="HindiText">अपने द्वारा दिया जाता जो भाव उसके उपेयत्वमय (उसे प्राप्त करने के योग्यपनामय, उसे लेने के पात्रपनामय) संप्रदान शक्ति।</span> | <span class="SanskritText"><span class="GRef"> समयसार / आत्मख्याति/ </span>परि./शक्ति 44 स्वयं दीयमानभावोपेयत्वमयी संप्रदान शक्ति:।</span> = <span class="HindiText">अपने द्वारा दिया जाता जो भाव उसके उपेयत्वमय (उसे प्राप्त करने के योग्यपनामय, उसे लेने के पात्रपनामय) संप्रदान शक्ति।</span> | ||
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Revision as of 13:03, 14 October 2020
समयसार / आत्मख्याति/ परि./शक्ति 44 स्वयं दीयमानभावोपेयत्वमयी संप्रदान शक्ति:। = अपने द्वारा दिया जाता जो भाव उसके उपेयत्वमय (उसे प्राप्त करने के योग्यपनामय, उसे लेने के पात्रपनामय) संप्रदान शक्ति।