स्तरक: Difference between revisions
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Revision as of 16:59, 14 November 2020
दूसरे नरक का प्रथम इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ चवालीस और विदिशाओं में एक सौ चालीस श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण 4.78, 105 देखें शर्कराप्रभा