ज्ञातृधर्मकथांग: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> द्वादशांगश्रुत का छठा अंग । इसमें पाँच लाख छप्पन हजार पद हैं । <span class="GRef"> महापुराण 34.140 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2. 93, 10.26 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> द्वादशांगश्रुत का छठा अंग । इसमें पाँच लाख छप्पन हजार पद हैं । <span class="GRef"> महापुराण 34.140 </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#93|हरिवंशपुराण - 2.93]], 10.26 </span></p> | ||
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Revision as of 15:10, 27 November 2023
द्वादशांगश्रुत का छठा अंग । इसमें पाँच लाख छप्पन हजार पद हैं । महापुराण 34.140 हरिवंशपुराण - 2.93, 10.26