महोदय: Difference between revisions
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<p id="2">(2) समवसरण का एक मंडप । यह एक हजार स्तम्मों पर आश्रित रहा है । इसमें श्रुतदेवी निवास करती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 57.86 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) समवसरण का एक मंडप । यह एक हजार स्तम्मों पर आश्रित रहा है । इसमें श्रुतदेवी निवास करती है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_57#86|हरिवंशपुराण - 57.86]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
देखें विद्यानंदि महोदय ।
पुराणकोष से
(1) सौघर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.151, 153
(2) समवसरण का एक मंडप । यह एक हजार स्तम्मों पर आश्रित रहा है । इसमें श्रुतदेवी निवास करती है । हरिवंशपुराण - 57.86