योगनिर्वाणसाधन: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> दीक्षान्वय की एक क्रिया । इसमें साधु जीवन के अंत में शरीर और आहार से ममत्व | <div class="HindiText"> <p> दीक्षान्वय की एक क्रिया । इसमें साधु जीवन के अंत में शरीर और आहार से ममत्व छोड़कर पंचपरमेष्ठियों का ध्यान करता है । <span class="GRef"> (महापुराण 38.59, 186-189) </span></p> | ||
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Revision as of 19:34, 11 December 2022
दीक्षान्वय की एक क्रिया । इसमें साधु जीवन के अंत में शरीर और आहार से ममत्व छोड़कर पंचपरमेष्ठियों का ध्यान करता है । (महापुराण 38.59, 186-189)