अल्पबहुत्व: Difference between revisions
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<li> [[#1.5 | वर्गणाओं के अल्पबहुत्व संबन्धी दृष्टिभेद।]]</li> | <li> [[#1.5 | वर्गणाओं के अल्पबहुत्व संबन्धी दृष्टिभेद।]]</li> | ||
<li> [[#1.6 | पंचशरीर विस्रसोपचय वर्गणा के अल्पबहुत्व दृष्टिभेद।]]</li> | <li> [[#1.6 | पंचशरीर विस्रसोपचय वर्गणा के अल्पबहुत्व दृष्टिभेद।]]</li> | ||
<li> [[#1.7 | मोह प्रकृति के प्रदेशाग्रों सम्बन्धी दृष्टिभेद।]]</li> | <li> [[#1.7 | मोह प्रकृति के प्रदेशाग्रों सम्बन्धी दृष्टिभेद।]]</li> </ol></li> | ||
<li> <strong>[[#2 | ओघ आदेश प्ररूपणाएँ]]</strong> | |||
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<li> प्ररूपणाओं विधयक नियम तथा काल व क्षेत्र के आधार पर गणना करने की विधि। देखें [[ संख्या#2 | संख्या - 2]] </li> | |||
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<li> [[#2.1 | सारणी में प्रयुक्त संकेतों के अर्थ। ]]</li> | |||
<li> [[#2.2 | षट् द्रव्यों का षोडशपदिक अल्प बहुत्व। ]]</li> | |||
<li> [[#2.3 | जीव द्रव्यप्रमाण में ओघ प्ररूपणा। ]] <ol> | |||
<li> [[#2.3.1 | प्रवेश की अपेक्षा। ]]</li> | |||
<li> [[#2.3.2 | संयम की अपेक्षा। ]]</li> | |||
<li> [[#2.3.3 | सम्यक्त्व में संचय की अपेक्षा। ]]</li> </ol></li> |
Revision as of 07:09, 2 August 2021
पदार्थों का निर्णय अनेक प्रकार से किया जाता है-उनका अस्तित्व व लक्षण आदि जानकर, उनकी संख्या या प्रमाण जानकर तथा उनका अवस्थान आदि जानकर। तहाँ पदार्थों की गणना क्योंकि संख्या को उल्लंघन कर जाती है और असंख्यात व अनन्त कहकर उनका निर्देश किया जाता है, इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि किसी भी प्रकार उस अनन्त या असंख्य में तरतमता या विशेषता दर्शायी जाय ताकि विभिन्न पदार्थों की विभिन्न गणनाओं का ठीक-ठीक अनुमान हो सके। यह अल्पबहुत्व नाम का अधिकार जैसा कि इसके नाम से ही विदित है इसी प्रयोजन की सिद्धि करता है।
- अल्पबहुत्व सामान्य निर्देश व शंकाएँ
- ओघ आदेश प्ररूपणाएँ
- प्ररूपणाओं विधयक नियम तथा काल व क्षेत्र के आधार पर गणना करने की विधि। देखें संख्या - 2
- सारणी में प्रयुक्त संकेतों के अर्थ।
- षट् द्रव्यों का षोडशपदिक अल्प बहुत्व।
- जीव द्रव्यप्रमाण में ओघ प्ररूपणा।