औस्तुभास: Difference between revisions
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<p class="HindiText">लवण समुद्र के बडवामुख आदि दिशा संबंधी पातालों के दोनों तरफ एक-एक पर्वत है। पूर्व दिशा के पाताल की पश्चिम दिशा में पर्वत का नाम (त्रिलोकसार गाथा 905-906) यहाँ पर जो व्यंतर रहता है उसका भी नाम औस्तुभास है।</p> | |||
<p>- देखें | <p>- देखें <span class="GRef">बृहद् जैन शब्दार्णव द्वितीय. खंड </span>।</p> | ||
Latest revision as of 17:34, 8 February 2023
लवण समुद्र के बडवामुख आदि दिशा संबंधी पातालों के दोनों तरफ एक-एक पर्वत है। पूर्व दिशा के पाताल की पश्चिम दिशा में पर्वत का नाम (त्रिलोकसार गाथा 905-906) यहाँ पर जो व्यंतर रहता है उसका भी नाम औस्तुभास है।
- देखें बृहद् जैन शब्दार्णव द्वितीय. खंड ।