मौद्गलायन: Difference between revisions
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<li> भगवान् पार्श्वनाथ की शिष्य परंपरा में एक बड़े जैन आचार्य थे। पीछे महात्मा बुद्ध के शिष्य हो गये और बौद्धमत का प्रवर्तन किया। ‘महावग्ग’ नामक बौद्ध ग्रंथ के अनुसार आप बुद्धदेव के प्रधान शिष्य थे। इन्हें संजय नाम के परिव्राजक ने महात्मा बुद्ध का शिष्य होने से रोका था। | <li> भगवान् पार्श्वनाथ की शिष्य परंपरा में एक बड़े जैन आचार्य थे। पीछे महात्मा बुद्ध के शिष्य हो गये और बौद्धमत का प्रवर्तन किया। ‘महावग्ग’ नामक बौद्ध ग्रंथ के अनुसार आप बुद्धदेव के प्रधान शिष्य थे। इन्हें संजय नाम के परिव्राजक ने महात्मा बुद्ध का शिष्य होने से रोका था। <span class="GRef">( दर्शनसार/पृ. 26/प्रेमी जी); (धर्म परीक्षा/6)</span>।</li> | ||
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Latest revision as of 22:27, 17 November 2023
- भगवान् पार्श्वनाथ की शिष्य परंपरा में एक बड़े जैन आचार्य थे। पीछे महात्मा बुद्ध के शिष्य हो गये और बौद्धमत का प्रवर्तन किया। ‘महावग्ग’ नामक बौद्ध ग्रंथ के अनुसार आप बुद्धदेव के प्रधान शिष्य थे। इन्हें संजय नाम के परिव्राजक ने महात्मा बुद्ध का शिष्य होने से रोका था। ( दर्शनसार/पृ. 26/प्रेमी जी); (धर्म परीक्षा/6)।
- एक क्रियावादी - देखें क्रियावाद ।