पृथु: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 13: | Line 13: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> पृथिवीनगर का राजा । इसकी रानी अमृतवती से कनकमाला पुत्री हुई थी । यह कन्या मदनांकुश को देने के लिए कहे जाने पर इसने मदनांकुश को अकुलीन समझ कर कन्या देना स्वीकार नहीं किया था किंतु लवणांकुश और मदनांकुश दोनों भाइयों के द्वारा परास्त कर दिये जाने पर इसने मदनांकुश से अपनी कन्या का विवाह कर दिया था । इसके पश्चात् तो इसने राम और लक्ष्मण के साथ हुए युद्ध में मदनांकुश के सारथी का कार्य भी किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 101. 1- | <div class="HindiText"> <p> पृथिवीनगर का राजा । इसकी रानी अमृतवती से कनकमाला पुत्री हुई थी । यह कन्या मदनांकुश को देने के लिए कहे जाने पर इसने मदनांकुश को अकुलीन समझ कर कन्या देना स्वीकार नहीं किया था किंतु लवणांकुश और मदनांकुश दोनों भाइयों के द्वारा परास्त कर दिये जाने पर इसने मदनांकुश से अपनी कन्या का विवाह कर दिया था । इसके पश्चात् तो इसने राम और लक्ष्मण के साथ हुए युद्ध में मदनांकुश के सारथी का कार्य भी किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_101#1|पद्मपुराण - 101.1-6]]7, 6, 103.2 </span></p> | ||
<p id="2">(2) इक्ष्वाकुवंशी राजा शतरथ का पुत्र, अज का पिता । <span class="GRef"> पद्मपुराण 22.154-159 </span></p> | <p id="2">(2) इक्ष्वाकुवंशी राजा शतरथ का पुत्र, अज का पिता । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_22#154|पद्मपुराण - 22.154-159]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) कुरुवंशी एक राजा । यह सुतेज के पश्चात् और इभवाहन से पूर्व हुआ था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.14 </span></p> | <p id="3">(3) कुरुवंशी एक राजा । यह सुतेज के पश्चात् और इभवाहन से पूर्व हुआ था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.14 </span></p> | ||
<p id="4">(4) रावण का सिंहरथारूढ़ सामंत । <span class="GRef"> पद्मपुराण 57.45-48 </span></p> | <p id="4">(4) रावण का सिंहरथारूढ़ सामंत । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_57#45|पद्मपुराण - 57.45-48]] </span></p> | ||
<p id="5">(5) कृष्ण के भाई बलदेव का 15वाँ पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48.66-68 </span></p> | <p id="5">(5) कृष्ण के भाई बलदेव का 15वाँ पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48.66-68 </span></p> | ||
<p id="6">(6) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25. 203 </span></p> | <p id="6">(6) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25. 203 </span></p> |
Revision as of 22:21, 17 November 2023
सिद्धांतकोष से
कृष्ण के भाई बलदेव का 15 वाँ पुत्र - देखें इतिहास - 7.10।
पुराणकोष से
पृथिवीनगर का राजा । इसकी रानी अमृतवती से कनकमाला पुत्री हुई थी । यह कन्या मदनांकुश को देने के लिए कहे जाने पर इसने मदनांकुश को अकुलीन समझ कर कन्या देना स्वीकार नहीं किया था किंतु लवणांकुश और मदनांकुश दोनों भाइयों के द्वारा परास्त कर दिये जाने पर इसने मदनांकुश से अपनी कन्या का विवाह कर दिया था । इसके पश्चात् तो इसने राम और लक्ष्मण के साथ हुए युद्ध में मदनांकुश के सारथी का कार्य भी किया था । पद्मपुराण - 101.1-67, 6, 103.2
(2) इक्ष्वाकुवंशी राजा शतरथ का पुत्र, अज का पिता । पद्मपुराण - 22.154-159
(3) कुरुवंशी एक राजा । यह सुतेज के पश्चात् और इभवाहन से पूर्व हुआ था । हरिवंशपुराण 45.14
(4) रावण का सिंहरथारूढ़ सामंत । पद्मपुराण - 57.45-48
(5) कृष्ण के भाई बलदेव का 15वाँ पुत्र । हरिवंशपुराण 48.66-68
(6) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25. 203