प्रीतिमती: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी में अरिंदमपुर नगर के राजा अरिंजय और अजितसेना की पुत्री । इसने अपनी विद्या से चिंतागति को | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी में अरिंदमपुर नगर के राजा अरिंजय और अजितसेना की पुत्री । इसने अपनी विद्या से चिंतागति को छोड़ शेष विद्याधरों को मेरु-प्रदक्षिणा में जीत लिया था । यह चिंतागति को चाहती थी, किंतु चिंतागति ने यह कहकर इसे त्याग दिया था कि उसने उसके छोटे भाइयों में किसी एक को प्राप्त करने की इच्छा से गतियुद्ध किया था इसलिए वह उसके योग्य नहीं है । चिंतागति के इस कथन से यह संसार से विरक्त हुई और विवृता नामा आर्यिका के पास इसने उत्कृष्ट तप धारण कर लिया । <span class="GRef"> महापुराण 70.30-37, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>में चिंतागति को भी इससे पराजित कहा गया है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>34.18-33</p> | ||
<p id="2">(2) सिंहपुर नगर के राजा अर्हद्दास के पुत्र अपराजित की भार्या । <span class="GRef"> महापुराण 34.6 </span></p> | <p id="2">(2) सिंहपुर नगर के राजा अर्हद्दास के पुत्र अपराजित की भार्या । <span class="GRef"> महापुराण 34.6 </span></p> | ||
<p id="3">(3) विजया की दक्षिणश्रेणी के रथनूपुर नगर के स्वामी विद्याधर मेघवाहन की रानी । यह धनवाहन की जननी थी । <span class="GRef"> पांडवपुराण 15. 6-8 </span></p> | <p id="3">(3) विजया की दक्षिणश्रेणी के रथनूपुर नगर के स्वामी विद्याधर मेघवाहन की रानी । यह धनवाहन की जननी थी । <span class="GRef"> पांडवपुराण 15. 6-8 </span></p> | ||
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Revision as of 00:08, 16 October 2022
(1) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी में अरिंदमपुर नगर के राजा अरिंजय और अजितसेना की पुत्री । इसने अपनी विद्या से चिंतागति को छोड़ शेष विद्याधरों को मेरु-प्रदक्षिणा में जीत लिया था । यह चिंतागति को चाहती थी, किंतु चिंतागति ने यह कहकर इसे त्याग दिया था कि उसने उसके छोटे भाइयों में किसी एक को प्राप्त करने की इच्छा से गतियुद्ध किया था इसलिए वह उसके योग्य नहीं है । चिंतागति के इस कथन से यह संसार से विरक्त हुई और विवृता नामा आर्यिका के पास इसने उत्कृष्ट तप धारण कर लिया । महापुराण 70.30-37, हरिवंशपुराण में चिंतागति को भी इससे पराजित कहा गया है । हरिवंशपुराण 34.18-33
(2) सिंहपुर नगर के राजा अर्हद्दास के पुत्र अपराजित की भार्या । महापुराण 34.6
(3) विजया की दक्षिणश्रेणी के रथनूपुर नगर के स्वामी विद्याधर मेघवाहन की रानी । यह धनवाहन की जननी थी । पांडवपुराण 15. 6-8