कमठ: Difference between revisions
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<p class="HindiText">(म.पु./७३/श्लोक) भरतक्षेत्र में पोदनपुर निवासी विश्वभूति ब्राह्मण का पुत्र था। (७-९)। अपने छोटे भाई मरुभूति को मारकर उसकी स्त्री के साथ व्यभिचार किया (११)। तत्पश्चात् – प्रथम भव में कुक्कुट सर्प हुआ(२३)। द्वितीय भव में धूमप्रभा नरक में गया (२९) तीसरे भव में अजगर हुआ (३०) चौथे भव में छठे नरक में गया (३३) पाँचवें भव में कुरंग नामक भील हुआ (३७) छठे भव में सप्तम नरक का नारकी हुआ (६७) सातवें भव में सिंह हुआ (६७) आठवें भव में महीपाल नामक राजा हुआ (९७, ११५) और नवें भव में शम्बर नामक ज्योतिष देव हुआ, जिसने भगवान् पार्श्वनाथ पर घोर उपसर्ग किया। ( इन नौ भवों का युगपत् कथन–म.पु./७३/१७०)। </p> | |||
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(म.पु./७३/श्लोक) भरतक्षेत्र में पोदनपुर निवासी विश्वभूति ब्राह्मण का पुत्र था। (७-९)। अपने छोटे भाई मरुभूति को मारकर उसकी स्त्री के साथ व्यभिचार किया (११)। तत्पश्चात् – प्रथम भव में कुक्कुट सर्प हुआ(२३)। द्वितीय भव में धूमप्रभा नरक में गया (२९) तीसरे भव में अजगर हुआ (३०) चौथे भव में छठे नरक में गया (३३) पाँचवें भव में कुरंग नामक भील हुआ (३७) छठे भव में सप्तम नरक का नारकी हुआ (६७) सातवें भव में सिंह हुआ (६७) आठवें भव में महीपाल नामक राजा हुआ (९७, ११५) और नवें भव में शम्बर नामक ज्योतिष देव हुआ, जिसने भगवान् पार्श्वनाथ पर घोर उपसर्ग किया। ( इन नौ भवों का युगपत् कथन–म.पु./७३/१७०)।