षट् कर्म: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> इन षट्कर्मों के बारे में विस्तार से जानने के लिये देखें [[ सावद्य#3 | सावद्य - 3]]।</span> | |||
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महापुराण/16/179 असिर्मषि: कृषिर्विद्या वाणिज्यं शिल्पमेव च। कर्माणीमानि षोढा स्यु: प्रजाजीवनहेतव:।179। =असि, मषि, कृषि, विद्या, वाणिज्य, और शिल्प ये छह कार्य प्रजा की आजीविका के कारण हैं।179।
इन षट्कर्मों के बारे में विस्तार से जानने के लिये देखें सावद्य - 3।