षट् कर्म
From जैनकोष
महापुराण/16/179 असिर्मषि: कृषिर्विद्या वाणिज्यं शिल्पमेव च। कर्माणीमानि षोढा स्यु: प्रजाजीवनहेतव:।179। =असि, मषि, कृषि, विद्या, वाणिज्य, और शिल्प ये छह कार्य प्रजा की आजीविका के कारण हैं।179।
इन षट्कर्मों के बारे में विस्तार से जानने के लिये देखें सावद्य - 3।