वीर्यांतराय: Difference between revisions
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<p class="SanskritText"><span class="GRef">तत्त्वार्थसूत्र अध्याय 8/13</span><p class="SanskritText"> दानलाभभोगोपभोगवीर्याणाम्। </p> | |||
<p class="HindiText">= दान, लाभ, भोग, उपभोग और वीर्य इनके पाँच अंतराय हैं।</p> | |||
<p class="HindiText">देखें [[ अंतराय ]]।</p> | |||
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Revision as of 16:07, 31 January 2023
तत्त्वार्थसूत्र अध्याय 8/13
दानलाभभोगोपभोगवीर्याणाम्।
= दान, लाभ, भोग, उपभोग और वीर्य इनके पाँच अंतराय हैं।
देखें अंतराय ।