दिगिंद्र: Difference between revisions
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<p class="HindiText">= बहुरि जैसे तंत्रादि राजा कहिये सेनापति तैसे '''लोकपाल''' हैं।</p></li> | <p class="HindiText">= बहुरि जैसे तंत्रादि राजा कहिये सेनापति तैसे '''लोकपाल''' हैं।</p></li> | ||
इससे सम्बंधित अन्य जानकारी के लिए देखें [[ इंद्र ]]। | <span class="HindiText"> इससे सम्बंधित अन्य जानकारी के लिए देखें [[ इंद्र ]]। </span> | ||
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Latest revision as of 11:24, 17 March 2023
त्रिलोकसार गाथा 223-224
..दिगिंदा..।..॥223॥...तंतराए....।....॥224॥
= बहुरि जैसे तंत्रादि राजा कहिये सेनापति तैसे लोकपाल हैं।
इससे सम्बंधित अन्य जानकारी के लिए देखें इंद्र ।