मुरज: Difference between revisions
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Revision as of 15:01, 14 June 2023
वृषभदेव के समय का एक मांगलिक वाद्य । इसकी ध्वनि मधुर और सुखत होती थी । राम के समय में भी इसका प्रयोग होता था । ये मांगलिक अवसरों पर बनाये जाते थे । महापुराण 12.207, पद्मपुराण 40. 30